गोरखपुर में बर्ड फ्लू की पुष्टि: मुर्गा-मुर्गी की बिक्री 21 दिन के लिए बंद

गोरखपुर, 2 जून 2025 – गोरखपुर में बर्ड फ्लू (Bird Flu) के मामले की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। अगले 21 दिनों तक मुर्गा और मुर्गी की बिक्री, कटान और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही, गोरखपुर चिड़ियाघर (Zoo) में एक शेरनी (Tigress) की मौत भी इसी वायरस से होने की पुष्टि हुई है।

बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) एक संक्रामक वायरस है जो मुख्यतः पक्षियों को प्रभावित करता है। इसमें H5N1 वायरस प्रमुख होता है, जो कभी-कभी इंसानों और अन्य जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, और अचानक मौत तक शामिल हो सकते हैं।

गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (Shaheed Ashfaq Ullah Khan Zoological Park) में रहने वाली लगभग 10 साल की शेरनी की हाल ही में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। लैब टेस्ट रिपोर्ट में अब पुष्टि हो चुकी है कि उसकी मौत बर्ड फ्लू के संक्रमण से हुई थी।

चिड़ियाघर प्रशासन ने सभी शेरों और अन्य जानवरों को आइसोलेशन में रखा है और विशेष निगरानी की जा रही है।

जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जानकारी दी कि गोरखपुर जिले के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पोल्ट्री प्रोडक्ट्स (poultry products) की बिक्री, ढुलाई और कत्ल पर 21 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया है।

इस दौरान मुर्गा-मुर्गी की खरीददारी करना, बेचना या पकाना पूरी तरह निषिद्ध है। यह निर्णय लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

इस प्रतिबंध का सीधा असर गोरखपुर के पोल्ट्री व्यापारियों पर पड़ा है। गोलघर, बक्शीपुर और रुस्तमपुर जैसे क्षेत्रों के बाजारों में सन्नाटा छा गया है।

स्थानीय व्यापारी रमेश यादव ने कहा, “हम सरकार के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे हमारी रोज़ी-रोटी पर असर पड़ा है। सरकार से मुआवज़े की उम्मीद है।”

प्रशासन द्वारा डिसइन्फेक्शन ड्राइव (disinfection drive) शुरू कर दी गई है। पशु पालन विभाग की टीम पूरे जिले में पोल्ट्री फॉर्म्स और मीट मार्केट्स को सेनेटाइज कर रही है।

साथ ही, आम लोगों को जागरूक करने के लिए डोर-टू-डोर कैंपेन भी चलाया जा रहा है। किसी भी बीमार पक्षी या जानवर की सूचना तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1800-180-5141 पर देने की अपील की गई है।

बी.आर.डी मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजिस्ट डॉ. नीलम वर्मा का कहना है, “बर्ड फ्लू का वायरस जानवरों के जरिए इंसानों तक आ सकता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। सावधानी रखें, जैसे कि अंडरकुक्ड मीट न खाएं, पोल्ट्री से दूरी बनाए रखें, और स्वच्छता का ध्यान रखें।”

गोरखपुर में बर्ड फ्लू का खतरा वास्तविक है, लेकिन इससे निपटना पूरी तरह संभव है — बशर्ते कि जनता और प्रशासन मिलकर सहयोग करें। 21 दिनों का यह प्रतिबंध अस्थायी है और आपकी सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

स्वस्थ रहें, सतर्क रहें और अफवाहों से बचें। सिर्फ सरकारी सूचना स्रोतों पर ही भरोसा करें।

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