छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले में अब जांच एजेंसियों की नजरें राजनीतिक परिवारों तक पहुंच चुकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ने हड़कंप मचा दिया है। पढ़िए पूरी डिटेल।
शराब घोटाले की जड़ें कितनी गहरी हैं?
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019 से 2023 के बीच सरकारी शराब बिक्री के तंत्र में भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही थी। अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच में यह खुलासा हुआ है कि राज्य के आबकारी तंत्र में एक संगठित रैकेट काम कर रहा था, जो न सिर्फ अवैध लेनदेन में लिप्त था, बल्कि सरकार के राजस्व को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा था।
इस घोटाले में शराब की बिक्री, आपूर्ति, और ठेकों के वितरण में गड़बड़ी सामने आई है, जहां फर्जी कंपनियों और बेनामी खातों के माध्यम से अरबों रुपये का हेरफेर हुआ।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी: क्यों बना ये बड़ी खबर?
18 जुलाई 2025 को ईडी की एक अहम कार्रवाई के तहत छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि घोटाले से जुड़े अवैध फंड्स की आवाजाही में उनकी भूमिका थी और उन्होंने इस पैसों से अचल संपत्तियों और लग्जरी लाइफस्टाइल को मेंटेन किया।
सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी के हाथ लगे डिजिटल साक्ष्य और वित्तीय दस्तावेज इस ओर इशारा करते हैं कि चैतन्य को घोटाले की रकम से लाभ मिला था।
शामिल अन्य प्रमुख चेहरे कौन हैं?
ईडी की जांच में कई और नामचीन चेहरों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं:
अनिल टुटेजा – पूर्व आईएएस अधिकारी, जिनपर आबकारी विभाग में गड़बड़ी को सिस्टमेटिक तरीके से अंजाम देने का आरोप है।
अरुण पांडे – एक राजनीतिक रणनीतिकार, जिनके तार कई अहम फैसलों से जुड़े माने जा रहे हैं।
प्रवीण गुप्ता – शराब व्यवसाय से जुड़े कारोबारी, जिन पर कैश ट्रांजेक्शन और फर्जी बिलिंग का आरोप है।
महेश शर्मा – वित्तीय सलाहकार, जिन्होंने हवाला और शेल कंपनियों के माध्यम से पैसे को वैध रूप में बदलने में भूमिका निभाई।
अब तक की जांच में क्या खुलासे हुए हैं?
₹2,000 करोड़ से ज्यादा की मनी ट्रेल
50 से अधिक शेल कंपनियाँ सामने आईं
दर्जनों संपत्तियाँ और बैंक अकाउंट्स फ्रीज़
भारी मात्रा में दस्तावेजी सबूत जब्त
25+ ठिकानों पर छापेमारी
जांच एजेंसी का कहना है कि शराब के हर लीटर पर एक ‘गुप्त कमीशन’ लिया जाता था, जो सीधे इस नेटवर्क तक पहुंचता था। यही कमीशन इस पूरे रैकेट की रीढ़ था।