Gorakhpur Drone Theft की खबर ने जिले के कई गाँवों में डर और सतर्कता बढ़ा दी है। लोग कह रहे हैं कि ड्रोन से पहले रेकी हो रही है और फिर चोरी की घटनाएँ हो रही हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कौन-से गाँव सबसे अधिक प्रभावित हैं, ग्रामीणों की शिकायतें क्या हैं, प्रशासन की क्या प्रतिक्रियाएँ हैं और हथियारबंद पहरा क्यों शुरू हुआ है।
चोरी हुई गाँवों / इलाकों के नाम
- ग्राम भर्रोह, थाना गोला, गोरखपुर — छत के रास्ते घुसकर घर से लाखों के गहने और नकदी चोरी हुई।
- ग्राम सहदोडाड (ग्राम प्रधान के घर), थाना गोला, गोरखपुर — वहाँ 10 लाख रुपये नकद और सोने-जेवर चोरी होने की घटना हुई।
- बांसगांव इलाके में, थाना बांसगांव क्षेत्र, हरिहरपुर खास निवासी के घर से लगभग ₹35 लाख के जेवरात और लगभग ₹4.25 लाख नकदी चोरी हुई।
- वार्ड नंबर चार, केशोपुर, सहजनवां, गोरखपुर — दो अलग-अलग घरों से 8.8 लाख रुपये की चोरी हुई।
प्रभावित गाँव और चोरी की घटनाएँ
Gorakhpur शहर के आस-पास के कुछ गाँवों में Gorakhpur Drone Theft से जुड़ी अफवाहें और दर्ज मामलों की खबरें मिल रही हैं। उदाहरण के लिए सिकरीगंज इलाके के भीटी गांव में चोरी हुई है जहाँ एक ही रात में पाँच घरों से लगभग ₹57 लाख के गहने एवं नकदी गायब हुई।
वहीँ फरेंदिया बुजुर्ग और सिकरीगंज क्षेत्र में और भी घरों के ताले तोड़े गए, अलमारी एवं बक्सों से कीमती सामान उठा लिए गए।
यद्यपि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें सभी मामलों में ड्रोन का प्रयोग हुआ है या नहीं, लेकिन ग्रामीणों की मान्यता है कि चोरी से पहले आसमान में ड्रोन मंडराते देखे गए हैं।
ग्रामीणों की प्रतिक्रियाएँ और पहरा व्यवस्था
- गाँव के लोगों ने रात के समय अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है। हाथों में लाठी-डंडे, टॉर्च और मोबाइल लाइट लेकर घरों के बाहर पहरा देना आम हो गया है।
- कई ग्रामीणों ने कहा है कि उन्होंने चोरी की घटनाओं से कुछ दिन पहले ही ड्रोन उड़ते देखे लेकिन उन्होंने इसकी सूचना पुलिस या मीडिया को नहीं दी थी।
- कुछ गांवों में महिलाओं और बुजुर्गों की नींद उड़ गयी है क्योंकि डर है कि ड्रोन के ज़रिए रेकी के बाद चोरों का हमला हो सकता है।
पुलिस और प्रशासन की स्थिति
- पुलिस ने अभी तक Gorakhpur Drone Theft मामले में आधिकारिक सूचना देने से इंकार किया है कि उन्होंने ड्रोन के प्रयोग की पुष्टि की हो।
- सिकरीगंज क्षेत्र में पुलिस की रात की गश्त बढ़ाई गई है। जिलाधिकारी और स्थानीय थानेदारों ने कहा है कि अगर किसी गाँव में संदिग्ध गतिविधियाँ हों तो तुरंत सूचना दें।
- हालांकि कुछ लोग शिकायत कर रहे हैं कि पुलिस की गश्त पर्याप्त नहीं है, कि चोरी के बाद मौके पर पहुँचने में देरी होती है।
क्या हो सकता है सच्चाई?
Gorakhpur Drone Theft के मामलों में निम्न-संभावनाएँ हैं:
- ड्रोन रेकी की अफवाह — कई मामलों में यह पाया गया है कि लोगों ने उजाले या अन्य उड़ते-गिरते ऑब्जेक्ट को ड्रोन समझ लिया है।
- असली रेकी + चोरी — यदि चोरी से पहले ड्रोन का प्रयोग हुआ हो, तो चोरों ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर चोरी की योजना बनाई होगी।
- अफवाहों का असर — सोशल मीडिया और वार्तालापों में बढ़ चुकी अफवाहों ने डर को हवा दी है, जिससे आधे अधूरे तथ्य भी बड़े प्रचार के रूप में फैल गए हैं।
सुरक्षा उपाय जो गाँव कर रहे हैं
- रात में सभी घरों की खिड़कियाँ बंद रखना, बाहर की रोशनी जलाए रखना।
- गाँव के कुछ नागरिकों ने मिलकर चौकियाँ बनाई हैं जहाँ से कुछ लोग रात भर गश्त करते हैं।
- पुलिस से निवेदन हुआ है कि गाँव-गाँव गश्त बढ़ाए और संदिग्ध ड्रोन या गतिविधियों की जांच हो।
सुझाव और आगे की कार्रवाई
- प्रशासन को चाहिए कि Gorakhpur Drone Theft मामलों की बारीकी से जांच करे, CCTV/नज़र रखे जाने वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाए।
- ग्रामीणों को सजग रहने के साथ-साथ अफवाहों को फैलाने से बचना चाहिए और यदि संभव हो तो उन तस्वीरों/वीडियो को सहेजें जिनमें ड्रोन दिखते हैं।
- सरकार को चाहिए कि ड्रोन उपयोग पर नियमों की जानकारी ग्रामीण-अधिकारियों तक पहुँचाये, और यदि ड्रोन से रेकी होती है तो कानून की कार्रवाई हो।
- पुलिस को चाहिए कि प्रभावित गाँवों में चर्चा-सभा हो जहाँ ग्रामीणों को कानूनी मार्ग और सुरक्षा विधियों की जानकारी दी जाए।
निष्कर्ष
Gorakhpur Drone Theft की अफवाहें और चोरी की घटनाएँ गाँवों में एक गंभीर चिंता बन चुकी हैं। चाहे यह पूर्ण रूप से सत्य हो या किसी भाग में अफवाह, गाँव के लोग अब रातों-रात जागरुक हो गए हैं और सुरक्षा बढ़ाने के उपाय कर रहे हैं। प्रशासन के लिए यह ज़रूरी है कि सक्रियता दिखाएं, जांच करें और लोगों को भरोसा दें कि उनका जीवन सुरक्षित है।
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