Shardiya Navratra 2025 Date Significance and Rituals
भारत में हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में Shardiya Navratra 2025 Date Significance and Rituals का विशेष स्थान है। शारदीय नवरात्रि साल में दो बार आने वाले नवरात्रों में से एक है, जो शरद ऋतु में आयोजित होती है। इस अवधि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा पूरे देश में श्रद्धा और आस्था के साथ की जाती है।
शारदीय नवरात्रि 2025 की तिथि (Shardiya Navratra 2025 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 26 सितंबर 2025, शुक्रवार से होगी और इसका समापन 4 अक्टूबर 2025, शनिवार को होगा।
- घटस्थापना (कलश स्थापना): 26 सितंबर 2025
- अष्टमी व्रत एवं कन्या पूजन: 3 अक्टूबर 2025
- नवमी पूजा: 4 अक्टूबर 2025
इन नौ दिनों तक पूरे देश में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
शारदीय नवरात्रि का महत्व (Shardiya Navratra 2025 Significance)
शारदीय नवरात्रि को मां दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन का पर्व माना जाता है। इस दौरान भक्त अपने घरों में मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर अखंड ज्योति जलाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है।
- यह पर्व आत्मशुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
- इस दौरान भक्त उपवास, ध्यान और मंत्रजाप के माध्यम से आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं।
- दुर्गा सप्तशती पाठ और देवी महात्म्य का पाठ विशेष रूप से किया जाता है।
शारदीय नवरात्रि की पूजा विधि (Shardiya Navratra 2025 Rituals)
नवरात्रि के नौ दिनों में अलग-अलग देवी स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर दिन के लिए विशेष रंग, भोग और पूजा विधि निर्धारित है।
- पहला दिन – शैलपुत्री: कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा।
- दूसरा दिन – ब्रह्मचारिणी: तपस्या और संयम की देवी की आराधना।
- तीसरा दिन – चंद्रघंटा: साहस और विजय की प्रतीक देवी।
- चौथा दिन – कूष्मांडा: सृष्टि की उत्पत्ति की देवी।
- पांचवां दिन – स्कंदमाता: मां स्कंद की माता की पूजा।
- छठा दिन – कात्यायनी: विवाह और शक्ति की देवी।
- सातवां दिन – कालरात्रि: भय और नकारात्मकता का नाश करने वाली देवी।
- आठवां दिन – महागौरी: सौंदर्य और शांति की देवी।
- नवां दिन – सिद्धिदात्री: सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी।
इन नौ दिनों में घर और मंदिरों में दुर्गा सप्तशती के पाठ, हवन, कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाता है।
उपवास और अनुष्ठान
- नवरात्रि में लोग फलाहार या केवल जल ग्रहण कर उपवास रखते हैं।
- प्रतिदिन मां दुर्गा के भजन, आरती और मंत्रों का जाप किया जाता है।
- अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर उन्हें प्रसाद और उपहार दिए जाते हैं।
शारदीय नवरात्रि से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम
नवरात्रि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में गरबा, डांडिया और दुर्गा पूजा पंडाल सजाए जाते हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में यह पर्व बड़े स्तर पर मनाया जाता है। गुजरात में डांडिया और गरबा की धूम रहती है तो बंगाल में दुर्गा पूजा पंडालों में भव्य सजावट देखने को मिलती है।
इस बार की खास बातें
2025 में शारदीय नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों ही शुभ योग में हो रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस साल मां दुर्गा की पूजा करने वालों को विशेष लाभ प्राप्त होगा। इसके अलावा इस बार अष्टमी और नवमी का संयोग भी विशेष रहेगा।
निष्कर्ष
Shardiya Navratra 2025 Date Significance and Rituals को समझना हर हिंदू भक्त के लिए आवश्यक है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा कर व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार कर सकता है।
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